त्रिवेणी - जख्म और पेड़


जख्म और पेड़ हरे ही अच्छे |

सूख जाने पे मर जाते हैं दोनों ||


सींचते रहिये इन्हें आंसू और पानी से |

--केशव--

टिप्पणियाँ

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26-12-2013 को चर्चा मंच की चर्चा - 1473 ( वाह रे हिन्दुस्तानियों ) पर दिया गया है
कृपया पधारें
आभार
मनोज कुमार ने कहा…
यें चींचन बहुत ज़रूरी है।

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