कहते हैं कहनेवाले कि स्वराज चल रहा.
किस हाल में हमारा ये समाज चल रहा? 'सब चलता है' के नारे से हर काज चल रहा. बीते हैं छः दशक, अब भी भूख है, गरीबी है, सब जानते हैं , फिर भी है ये राज चल रहा. हिंसा की आग में जनता फतिंगों की तरह भुन रही इस मुल्क का हाल-ओ-करम नासाज चल रहा. आकाश की अगाधता को देख कर भी बिना डरे दूजा किनारा छूने को, परिंदे का परवाज चल रहा. आतंक का किसी मजहब से न लेना न कोई देना फूटे थे कल बम मस्जिद में, जब नमाज चल रहा. कहीं जुबां पे है ताले, कहीं पांवों में हैं छाले, पर कहते हैं कहनेवाले कि स्वराज चल रहा. जब मुस्कराना भूलने लगे सभी बच्चे समझो की खुदा दुनिया से नाराज चल रहा. ऐसे अनगिन कड़वे सच सीने में मेरे हैं दफ़न फिर फुर्सत से सुनाऊंगा, मैं आज चल रहा.